रजरप्पा मंदिर झारखंड

दुनिया का सबसे  सिद्ध पीठ और दूसरे हम शक्तिपीठ है

मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और रजरप्पा

रजरप्पा मंदिर भारत के झारखंड राज्य में रामगढ़ जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह देवी छिन्नमस्तिका को समर्पित है, जो देवी दुर्गा का एक रूप हैं। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और रजरप्पा गांव से 14 किलोमीटर (8.7 मील) दूर है।

आज हम इस आर्टिकल में जानने वाले है झारखण्ड के बहुत चर्चित मंदिर रजरप्पा मंदिर के बारे में आपलोग को कोशिश करेंगे की सारी जानकारी दे

मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था और यह अपनी तांत्रिक वास्तुकला शैली के लिए जाना जाता है। मंदिर का मुख्य मंदिर ग्रेनाइट पत्थरों से बना है और इसमें देवी छिन्नमस्तिका की एक विशाल मूर्ति है। मूर्ति को एक कमल के फूल के ऊपर खड़े बिना सिर के धड़ के रूप में चित्रित किया गया है। मूर्ति के हाथों में एक तलवार और ढाल है, और उसके गले से खून की धारा बह रही है।

मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और मूर्तियां भी हैं। इनमें भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय को समर्पित मंदिर शामिल हैं। मंदिर परिसर में एक पवित्र तालाब भी है, जिसमें लोग स्नान करते हैं।

रजरप्पा मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। मंदिर विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान व्यस्त रहता है, जो देवी दुर्गा का नौ दिवसीय त्योहार है।

यहां रजरप्पा मंदिर जाने के कुछ सुझाव दिए गए हैं:

मंदिर रामगढ़ शहर से बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
मंदिर में प्रवेश शुल्क ₹10 है।
मंदिर परिसर में कैमरे और मोबाइल फोन की अनुमति नहीं है।
मंदिर का दौरा करते समय विनम्र कपड़े पहनें।

प्राचीन कल से ही हमारे भारतवर्ष विभिन्न आश्चर्य तथा चमत्कारी मंदिरों से समृद्ध है और आज हम ऐसे ही एक महत्वपूर्ण तथा आश्चर्य मंदिर के दर्शन करने वाले हैं झारखंड राज्य के रामगढ़ जिले में अवस्थित यह मंदिर दुनिया का सबसे  सिद्ध पीठ और दूसरे हम शक्तिपीठ है यह है रजरप्पा माता छिन्नमस्तिका का मंदिर जय जय कर देता है balayati ₹50 गांव का पालन पोषण होता है तो यह वीडियो में हम लोग जानेंगे इस मंदिर के बारे में जहां कैसे पहुंचा जा सकता है यहां पर देखने लायक क्या-क्या है और क्या है इस मंदिर के महत्व रजरप्पा से जुड़े सारे इनफॉरमेशन बताने वाले है आप सभी को अच्छा लगेगा रजरप्पा मंदिर रांची सिटी से लगभग 80 किलोमीटर बोकारो सिटी से 70 किलोमीटर और रामगढ़ से 25 किलोमीटर की दूरी पे है तो आप अगर ट्रेन से आना चाहते हो तो नजदीक का रेलवे स्टेशन है रामगढ़ कैंटोनमेंट और बाय रोड यह जगह
रांची रामगढ़ और बोकारो जैसे शहरों से आना है तो बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची है.रजरप्पा मंदिर की बात करे तो सदियों से ये मंदिर काफ़ी चर्चा में रहा यहां जो लोग आते है सच्चे मन से और पूजा पाठ करते उसका सारी मनोकामना पूर्ण होता है ,

Google Map :- 
यह पीछे रजरप्पा मंदिर के पीछे जो नदी है नदी के दूसरे तरफ है तो चलो चलते मंदिर की तरफ बाहर काफी भीड़ है क्योंकि आज
सन्डे है मेरे सामने दाहिने तरफ ये मंदिर के मुख्य द्वार तथा सिंह द्वार है यहां आस-पास हर तरफ ऐसे पूजा सामग्री के दुकान मिल जाएंगे आसानी से आप पूजा सामग्री खरीद के पूजा कर सकते है वहां आपको गाड़ी पार्क करने का सुविधा दिया जाएगा और इनके अलावा यहां पे पार्किंग लॉट भी है तो पूजा सामग्री लेकर यह सिंह द्वार होते है ओर अंदर जाते हुए यह फूल मिले तो जरूर ले लीजिएगा सुना है यह बहुत पसंद है आगे उसे गेट के अंदर से ही पूजा का लाइन शुरू होता है
यहां हजारों बकरियों की बाली हर रोज मैन छीन मस्तिक का उत्सर्ग किया जाता है और यहां यह लाइन में खड़े होकर अब मंदिर के पीछे का यह नजर उपभोग कर सकते हो जहां पर यह दामोदर के ऊपर भैरवी ने दिया के गिर रहे रजरप्पा फॉल्स के रूप में नमस्ते का मंदिर है झारखंड के बहुत ही प्रसिद्ध सीधी पीछे 10 महाविद्याओं का एक विद्या है काली तारा धूमावती बगलामुखी और मार्च नमस्ते जिनका मस्तक करता हुआ है अपने काटा हुआ सर को बाएं हाथ मिली हुई है दोनों की सहचारी एक डाकनी और एक बार नहीं और ये सीट किट होता है दो नदियों का संगम स्थल है और दामोदर जो विपरीत दिशा में प्रभावित होती
है उत्तर वाहिनी की ओर दामोदर नीचे और भैरवी ऊपर है दोनों का संगम स्थल है होती है रामगढ़ जिला के अंतर्गत सभी के कुलदेवी छिन्नमस्ता होने के आसपास के लोग जितने हैं इस दरबार में कोई भी सूर्य शुभ कम करते हैं शादी हो विवाह मुंडन हो जो भी हो जाने हो पहले मैन के दरबार मैन के अपने विधिवत
पूजा पाठ करते हैं भगवती आशीर्वाद मानते हैं और अपना मंगल कार्य करते हैं इस तीर्थ पर दूध दराज से लोग आते हैं यहां पर आकर सभी प्रकार के पूजा पाठ करते हैं जब आप हवन करते हैं नवरात्र में सात दिन नवरात्र ए रहे हैं दूरदर्शन लोग आएंगे दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे और भगवती के दरबार में अपना आशीर्वाद लेंगे मनोकामना पूर्ण करेंगे बड़े-बड़े साधक लोग आते हैं जो तांत्रिक घाट में बैठते हैं प्रत्येक दिन भाग्य दरबार में पंचवटी में भंडारा का आयोजन किया जाता है विशेष रूप में विशेष स्थिति मोर भी विस्तार रूप से किया जाता है बाकी समान के लिए खिचड़ी कहीं व्यवस्था रहता है इस रूप के पीछे की कहानी थोड़ा सा जान लेते हैं मैन के अपने ही हाथ में खुद का काटा हुआ सर बहते हुए रक्त के तीन धराए जिम से दो धरे दो सहेली के और एक अपने ही
केट हुए सर के मुंह में पतित हो रहे उनके पैरों के नीचे कम और रहती विपरीत दिशा में शाहिद है मान्यता है की मैन भवानी एक दिन मंदाकिनी नदी में अपने ही दो सहेली डाकिनी और बरनी के साथ स्नान पर गए द और वहां पर उनके दो सहेली के हालत भूख से खराब हो रहा था तो माने अपने ही सर काट कर उन दोनों को रख पिलाई और जो तीसरी धराए द वो जमीन में गिरकर संसार का अनाथ ना हो इसलिए उन्होंने अपने ही केट हुए सर से उसको पीने लगा था
तो जैसे की पंडित जी ने बताया मशीन मस्तिक यहां पर 10 महाविद्या के पंचम महाविद्या के रूप में विराजमान है और यह मंदिर शक्तिपीठ के अहमियत के हिसाब से दूसरे स्थान पर है मतलब असम में अवस्थित माता कामरूप कामाख्या के बाद ही और यह जगह खास तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है तो माता
छिन्नमस्तिका का दर्शन तो हो गया अब इसी मंदिर परिसर में अवस्थित बाकी हम मंदिरों के बारे में भी जाना है और देखना है यहां पे ये एक बड़ा सा शिवलिंग है
यह मेरे सामने है सूर्य देवता के मंदिर सूर्य देवता मंदिर के बगल में ही है यह मैन दुर्गा का मंदिर यहां यह आदि गुरु शंकराचार्य जी का मूर्ति है जिन्होंने इस मंदिर के संस्कार किया था कथित है यह मंदिर 6000 साल पुराना है और विश्वकर्मा जी का दें है मतलब उन्हें के द्वारा बनाया गया है सभी परिवार से भेंट होगा और हलकट बोल रहे द भाई बिना निमंत्रण के नहीं जाना चाहिए क्रोध में ए गई 10 महाविद्या के रूप में चारों तरफ से और उसी में एक बात मायावती का रूप है तो
उनको खा भी गई देवी महामाया के 10 mahavidyayon में से आठ रूपों के मंदिर है यहां पे और बाकी दो यानी छिन्नमस्तिका और दक्षिण काली के मंदिर है दूसरे तरफ तो लिए थोड़ा सा जानते इस बारे में सृष्टि को बचाने के लिए ही राहु ग्रह की adhishattri देवी है और बाकी उनका नौ रूप बनाया गया है जैसे
शनिदेव के दक्षिण काली बृहस्पति के मात्रा शुक्र के जो है तो मैन भुवनेश्वर में राहु के छिन्नमस्ता और केतु के धूमावती बुद्ध के मैप है और मंगल देवता
के जो है सुमा बदलाव की अधिष्ठात्री हैं और सूर्य देवता के नाम आतंकी है और चंद्रमा के विश्वास ही नवग्रह की गुरुर है जब चेला बदमाशी करें तो गुरु को पकड़ा जाता है तो चलिए थोड़ा सा देख लेते हैं मैन कमला मामा तंगी मैन बगलामुखी madhumavati मैन भुवनेश्वरी masadoshi मैन ताराऔर इन ऑटो से थोड़े ही दूर मैन दक्षीणकाली यहां यह शंकर भगवान ने पुत्र प्राप्ति हेतु इस मंदिर में पूजा किए द उसी से शायद रजरप्पा नामकरण इस प्राचीन मंदिर के महत्व सही से वर्णन कर पाना हम जैसे कुछ इंसान के बस के बात नहीं तो आप लिए जरूर एक बार मैन के दरबार में माता टेकने पेड़ा बड़ा प्रसिद्ध यह रजरप्पा में इसे लेना मत भूलना भी दर्शन हो गए कैसे लगा कमेंट करके बता सकते हो और अगर अच्छे लगे तो शेयर भी कर सकते हो


India Vlog
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I am an artist ,Video Editer and Vlogger . मेरा मुख्य कार्य गरीब,असहाय ,जरुरतमंद ,लोगों को सहायता पहुंचाना ? आप सभी के सहयोग से ये काम हम करते हैं । For daily routine of all Indian people with me.. Bhola swarthi. मैं आप को भारत के लोग और भारत के प्राकृति जगह को और स्थान को आप तक पहुँचाने का एक प्रयास कर रहा हूँ इन्टरनेट के माध्यम से आपको हर जगह को और स्थान दिखाने वाले है। भारत के निम्नलिखित जगह: आप को देखने को मिलेगा ।

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