ताजमहल की असली कहानी क्या है? 

ताजमहल का पुराना नाम क्या है? 

ताजमहल का पूरा नाम “दिवान-इ-खास-इ-ख़ुसरो” है. यह मकबरा मुग़ल सम्राट शाहजहां की पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनाया गया था।. इसे अंग्रेजी में “Taj Mahal” के नाम से भी जाना जाता है. “ताज” का अर्थ है “ताजमहल” और “महल” का अर्थ है “मकबरा” या “महल 

ताजमहल की सच्ची कहानी क्या है 

इसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। इसका निर्माण 1632 ई. में शुरू हुआ और 1648 ई. में पूरा हुआ। दक्षिण की ओर मस्जिद, अतिथि गृह और मुख्य प्रवेश द्वार था। बाद में बाहरी प्रांगण और इसके मठ बनाए गए और 1653 ई. में इसका निर्माण पूरा हुआ। 

ताजमहल की उम्र क्या है?

ये दुनिया के 7 अजूबों में से एक है। ताजमहल को 1631 में शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। आज से करीब 390 साल पहले ताजमहल बनकर तैयार हुआ था।9 

ताज महल बनाने में कितने रुपए खर्च हुए थे? 32 करोड़ में बना था ताज महल - ताज महल के निर्माण के लिए शाहजहां ने अफगानी आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी को लगाया था। - इस इमारत को बनाने में 20 हजार मजदूर जुटे थे। - उस जमाने में ताज महल की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 32 करोड़ रुपए के लगभग आई थी।