शक्तिपीठ: कालीपीठ मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है,
कालीपीठ मंदिर, गोड्डा: एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ
इतिहास और महत्व:
शक्तिपीठ: कालीपीठ मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहाँ देवी सती का दाहिना पैर गिरा था।
पौराणिक कथा: कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने देवी सती के शव के टुकड़ों को त्रिशूल से काटकर विभिन्न स्थानों पर बिखेर दिया था, और जहाँ-जहाँ उनके अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ बन गए।
आस्था का केंद्र: यह मंदिर सदियों से आस्था का केंद्र रहा है और माँ काली के दर्शन के लिए देश भर से भक्त आते हैं।
मंदिर का स्वरूप:
कालीपीठ मंदिर,
कालीपीठ मंदिर, गोड्डा, झारखंड राज्य के गोड्डा जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर नई कलेक्ट्रेट भवन से एक किलोमीटर और गोड्डा मुख्य बाजार से लगभग छह किलोमीटर की दूरी पर गोड्डा-हंसडिहा मुख्य मार्ग पर स्थित है। कालीपीठ की स्थापना 12 फरवरी 2022 को हुई और माँ काली की प्राण प्रतिष्ठा 13 फरवरी 2022 को सम्पन्न हुई
प्रतिमा: मंदिर में देवी काली की भव्य प्रतिमा स्थापित है।
मंदिर परिसर: मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें भगवान शिव, गणेश, हनुमान और नवग्रहों के मंदिर शामिल हैं।
कुंड: मंदिर परिसर में एक पवित्र कुंड भी है, जहाँ भक्त स्नान कर सकते हैं।
उत्सव और अनुष्ठान:
नवरात्रि: नवरात्रि के दौरान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
अन्य त्यौहार: दुर्गा पूजा, काली पूजा और दीपावली जैसे अन्य त्योहारों पर भी मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कैसे पहुंचें:
हवाई मार्ग: गोड्डा का निकटतम हवाई अड्डा देवघर हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग: गोड्डा रेलवे स्टेशन पूर्वी रेलवे के हावड़ा-मुजफ्फरपुर खंड पर स्थित है।
सड़क मार्ग: गोड्डा अच्छी तरह से सड़कों से जुड़ा हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
निवास:
मंदिर परिसर: मंदिर परिसर में कुछ धर्मशालाएँ और अतिथि गृह हैं जहाँ भक्त रह सकते हैं।
गोड्डा शहर: गोड्डा शहर में भी कई होटल और लॉज उपलब्ध हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
मंदिर का समय: मंदिर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क: मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
फोटोग्राफी: मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।

यात्रा की योजना बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
मौसम: गोड्डा में गर्मी का मौसम (मार्च-जून) बहुत गर्म और शुष्क होता है। यदि आप इस दौरान यात्रा कर रहे हैं, तो ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनें और भरपूर मात्रा में पानी पीएं।
भीड़: त्योहारों के दौरान मंदिर में भारी भीड़ हो सकती है। यदि आप शांत वातावरण में दर्शन करना चाहते हैं, तो अन्य समय पर यात्रा करना बेहतर होगा।
कालीपीठ मंदिर, गोड्डा एक पवित्र और शक्तिशाली स्थान है। यदि आप आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो यह निश्चित रूप से एक
यात्रा करने योग्य जगह है।
लोगों का मानना हैं की यहा पे जो लोग आते है और सच्चे मन से माँ काली का पूजा करते है तो सारी मनोकामनां पूर्ण होते है
मंदिर की विशेषताएँ
यह मंदिर तांत्रिक साधना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहाँ साधक माँ काली की पूजा और साधना करते हैं। मंदिर में नियमित रूप से सुबह माह की अमावस्या को विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है
पर्यटन स्थल
मंदिर के आसपास कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें यो सुंदरडेम डैम, सिंघवाहिनी मंदिर, और दमाकोला जलप्रपात शामिल हैं। ये सभी स्थल गोड्डा के धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाते हैं
कालीपीठ मंदिर अपने धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ तांत्रिक साधना के लिए भी प्रसिद्ध है। यदि आप आध्यात्मिक शांति और तांत्रिक साधना के लिए एक आदर्श स्थल की खोज में हैं, तो कालीपीठ मंदिर, विकल्प है।
kalipith Google Map –

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