Pakur

पाकुड़ जिले के मुख्य भाषा हिंदी संथाली और बंगाली में बोली जाति है

पाकुड़ जिला भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक जिला है इस जिले का मुख्यालय पाकुड़ में स्थित है या झारखंड के पूर्वी हिस्सा में स्थित है
पाकुड़, भारत के झारखंड राज्य का एक जिला और उस जिले का मुख्यालय शहर है। यह अपने खनिज संसाधनों और समृद्ध आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है।

पाकुड़ के बारे में रोचक तथ्य:Pakur 

पत्थर नगरी: पाकुड़ को “पत्थर नगरी” के नाम से भी जाना जाता है, जो यहां पाए जाने वाले बेहतरीन पत्थरों के कारण है। इनका उपयोग इमारतों और मूर्तियों के निर्माण में किया जाता है।
कोयला और पत्थर खदान: पाकुड़ के मुख्य व्यवसायिक स्रोत कोयला और पत्थर खदान हैं।
आदिवासी संस्कृति: पाकुड़ में सাঁथाल, मुंडा और मालेर जैसी आदिवासी जनजातियां रहती हैं। यहां की संस्कृति इन समुदायों के समृद्ध परंपराओं और लोक कलाओं को दर्शाती है।
भाषाएं: पाकुड़ में संथाली, हिंदी, बांग्ला और अंगिका जैसी कई भाषाएं बोली जाती हैं।

पाकुड़ के बारे में रोचक जाने
पाकुड़ के बारे में रोचक जाने

Pakur में घूमने के लिए प्रमुख स्थान:

पौराणिक स्थल: पाकुड़ में कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें महादेव मंदिर और ईशान मंदिर शामिल हैं।
टोटोसाई झील: यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है और पिकनिक मनाने के लिए एक शानदार जगह है।
उत्सव: पाकुड़ में साल भर विभिन्न आदिवासी उत्सव मनाए जाते हैं, जिनमें सोहराई और करमा शामिल हैं।
पाकुड़ कैसे पहुंचे:

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा देवघर विमानक्षेत्र है।
रेल मार्ग: पाकुड़ रेलवे स्टेशन कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: सड़क मार्ग से भी पाकुड़ आसानी से पहुंचा जा सकता है।

पाकुड़ के बारे में रोचक जाने
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याद रखने योग्य बातें:Pakur 

पाकुड़ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है, जब मौसम सुहाना होता है।
स्थानीय भोजन का लुत्फ उठाएं – पाकुड़ में आदिवासी व्यंजन और मिठाइयां जरूर попробу करें।
हस्तशिल्प की खरीदारी करें – पाकुड़ हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है, आप यहां बांस और टेराकोटा उत्पाद खरीद सकते हैं।
या जिला जंगलों और पहाड़ियों से गिरा हुआ है पाकुड़ जिला संथाल प्रांगण डिवीजन के अंतर्गत आता है पाकुड़ जिला अपने कई पड़ोसी जिलों से सटा हुआ है इस जिला के उत्तर में साहबगंज जिला दक्षिण में दुमका जिला पश्चिम में गोडडा जिला और पूर्व में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला स्थित है या अपने कल पत्थरों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है यहां बांग्लादेश को प्रतिदिन लगभग 500 ट्रक स्टोन चिप्स की आपूर्ति करता है या पूरे भारत में ब्लैक स्टोन चिप और पंजाब को पहले की आपूर्ति करके हावड़ा रेलवे स्टेशन के लिए सबसे अधिक राजस्व उत्पन्न कर रहा है एक स्वतंत्र जिले के रूप में सत्य में आने से पहले पाकुड़ साहिबगंज

पाकुड़ के बारे में रोचक जाने
पाकुड़ के बारे में रोचक जाने

Pakur
जिले का अनुमंडल हुआ करता था 26 जनवरी 1994 करके एक स्टोन जिला बनाया गया पाकुड़ जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 186 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखंड का 21 वन बड़ा जिला है पाकुड़ जिला में तिरोही बसालोई और ब्राह्मणी मुख नदियां हैं इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से किसी पर निर्भर करती है जिले में उगाए जान वाले प्रमुख फसल धन मक्का गेहूं काबली चना जोर गाना सरसों प्याज आलू और अन्य प्रकार की
सब्जियां इस जिले में होगी जाति हैं पाकुड़ जिले के अंतर्गत एक अनुमंडल पाकुड़ है पाकुड़ जिले में छह प्रखंड है पाकुड़ हिरणपुर
लिट्टीपाड़ा महेशपुर और पाकुड़िया है पाकुड़ जिले में आठ पुलिस थाना 125 ग्राम पंचायत 1250 गांव की संख्या  है तीन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
लिट्टीपाड़ा पाकुड़ और महेशपुर है पाकुड़ जिले के मुख्य भाषा हिंदी संथाली और बंगाली में बोली जाति है यहां पर संथाली जनजाति के लोग निवास करते हैं और संथाल के लोगों का डांस बहुत ही सुंदर और प्यार लगता है यहां के लोग एक ग्रुप में डांस करते हैं यहां की औरतें साड़ी पहनती हैं तथा पुरुष धोती कुर्ता पहना हैं इनके औरतें के आभूषण हाथ और गले और पर में पहने हुए होते हैं जो भारतीय सभ्यता की एक पहचान दिलाता है पाकुड़ जिले की धार्मिक
दृष्टिकोण से जनसंख्या विभाजन करें तो पाकुड़ जिले में हिंदुओं की आबादी 45% है जबकि मुस्लिम धर्म के आबादी 35.87% है दूसरे धर्म की बात करें तो जिले में इसी 8.43% है 60% है 9.86 परसेंट हैं पाकुड़ जिले में ग्रामीण क्षेत्र था शहरी क्षेत्र की तुलना करें तो हम पाते है 92.5 ग्रामीण क्षेत्र में और 7.5%9 शहरी क्षेत्र में रहते हैं 2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार पाकुड़ जिले की कल आबादी 9 lakh422 थी जिसमें से पुरुषों की आबादी 452661 तथा महिलाओं की आबादी 44761 थी पाकुड़ झारखंड की राजधानी रांची से करीब 375 किलोमीटर दूर है तथा कोलकाता से 286 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

पाकुड़ के बारे में रोचक जाने
पाकुड़ के बारे में रोचक जाने

दोस्तों अगर चलती हुई सड़क पर आपको समझ जाइए गाड़ी पाकुड़ जिला की है ग्राम जल कुंड पाकुड़ जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर पाकुड़िया के सिद्धपुर गांव में या गम झरने का कुंड है इस जन्म से आ धरती से इतना गम पानी निकलता है की सीधे इस स्थान पर पानी को चुन मुश्किल है या गम
कुंड पर्यटनों के लिए एक अद्भुत नजर है कहा जाता है की इसमें स्नान करने से चरण रोग दर हो जाते हैं इसलिए यहां पर लोगों का डाटा लगा राहत है प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर यहां पर मिले का आयोजन किया जाता है सिंह वहिनी मंदिर या मंदिर मुख शहर में स्थित है या मंदिर मां दुर्गा को समर्पित
है यहां पर माता दुर्गा की बहुत सुंदर प्रतिमा बनी हुई है बाहर की तरफ बाबा भैरव की मंदिर बना हुआ है यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ लगती है बहुत सारे भक्तगण मां दुर्गा के दर्शन करने के लिए यहां पर आते हैं अगर आप पाकुड़ जिला में आना चाहते हैं तो रेल मार्ग और मार्ग द्वारा ए सकते हैं यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन पाकुड़ रेलवे स्टेशन है यह रेलवे स्टेशन साहिबगंज रेलवे स्टेशन के लुक लाइन पर पड़ता है यहां से रेल द्वारा कोलकाता रांची भागलपुर
गया दिल्ली जैसे आप बड़े से जुड़ा हुआ है जो देश के अंदर छोटे बड़े bazar से सड़क मार्ग को जोडा है दोस्तों पाकुड़ जिला के बड़े में जानकारी कैसे लगी अगर अच्छी लगी है तो कमेंट और लाइक और शेर जरूर करें जय हिंद


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I am an artist ,Video Editer and Vlogger . मेरा मुख्य कार्य गरीब,असहाय ,जरुरतमंद ,लोगों को सहायता पहुंचाना ? आप सभी के सहयोग से ये काम हम करते हैं । For daily routine of all Indian people with me.. Bhola swarthi. मैं आप को भारत के लोग और भारत के प्राकृति जगह को और स्थान को आप तक पहुँचाने का एक प्रयास कर रहा हूँ इन्टरनेट के माध्यम से आपको हर जगह को और स्थान दिखाने वाले है। भारत के निम्नलिखित जगह: आप को देखने को मिलेगा ।

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